हालांकि, किसी भी दाल का सेवन करते समय हमें कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए इससे इनका फायदा और भी ज्यादा मिलता है. नूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने पोषक तत्वों को खत्म किए बिना दालों के अधिकतम फायदे प्राप्त करने के तरीके के बारे में कुछ टिप्स शेयर किए हैं.
रुजुता के मुताबिक, दालें खाते समय 3 नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है.
दालों को पकाने से पहले भिगोकर अंकुरित कर लें- दालों में प्रोटीन, विटामिन जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं इसके अलावा इनमें कुछ एंटी- न्यूट्रिएंट्स (यानी एंटी-पोषक तत्व) भी होते हैं. एंटी-न्यूट्रिएंट्स वे पोषक तत्व होते है जो आपके शरीर में आवश्यक न्यूट्रिएंट्स के अवशोषण को कम करते हैं और भोजन के पौष्टिक मूल्यों को कम करते हैं. जिसके कारण बहुत से लोगों को दाल खाने के बाद अपच, गैस और पेट दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में दालों को पकाने से पहले भिगोने और अंकुरित करने से एंटी-न्यूट्रिएंट्स का असर कम हो जाता है और पोषक तत्वों के प्रभाव को बढ़ाने में मदद मिलती है.
अलग-अलग तरह की दालों का करें सेवन- रुजुता दिवेकर ने बताया कि भारत में फलियां और दालों की लगभग 65000 किस्में पाई जाती हैं. उन्होंने आगे बताया कि सप्ताह में कम से कम 5 अलग-अलग प्रकार की दालों का सेवन अलग-अलग तरीकों से करना चाहिए. आप दाल से बनने वाली अलग-अलग चीजों का सेवन भी कर सकते हैं, जैसे डोसा, पापड़, लड्डू, या हलवा आदि. अलग-अलग प्रकार की दालें खाने आपकी सेहत पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है.
अनाज और फलियों के साथ करें दालों का सेवन- अनाज और फलियों के साथ दालों का सेवन करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है. साथ ही इससे इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है. इसके अलावा दालों के इन कॉम्बिनेशन से बॉडी में एंटीबॉडीज तेजी से बनती हैं. साथ ही दालों को इस तरह मिक्स करके खाने से एजिंग प्रोसेस को कम किया जा सकता है.
Source: Aaj Tak
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