कश्मीरी महिला मौत के दरवाज़े पर खड़ी थी, तमिलनाडु के ब्रेन डेड शख्स का दिल लगाकर बचाई गई जान


 की एक महिला के सीने में तमिलनाडु के एक शख़्स का दिल धड़क रहा है. ये कोई शायरी या कविता नहीं, हक़ीक़त है. श्रीनगर की ये महिला चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर में भर्ती थी और टर्मिनल हार्ट फ़ेलियर से पीड़ित थी.

350 Km दूर से आया 'दिल'

doctors performing surgery

NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के एक 18 साल के ब्रेन डेड शख़्स का हार्ट इस महिला को लगाया गया और महिला को नई ज़िन्दगी मिल गई. ये महिला 3000 Km का सफ़र तय कर इलाज करवाने पहुंची थी. शहज़ादी फ़ातिमा नामक ये महिला को रेस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive Cardiomyopathy) से पीड़ित थी. इस बीमारी में हार्ट चैम्बर्स वक़्त के साथ सख़्त हो जाते हैं. महिला के बचने की एक ही उम्मीद थी और वो था हार्ट ट्रांस्प्लांट.

एनजीओ ने उठाया सर्जरी का ख़र्च

kashmiri woman gets new lease of life

ऐश्वर्य ट्रस्ट नामक चेन्नई के एनजीओ ने महिला के इलाज का पूरा ख़र्च उठाया. ये संस्था ज़रूरतमंद मरीज़ों की मदद करती है. 31 दिसंबर, 2021 को शहज़ादी अस्पताल में भर्ती हुई. 26 जनवरी, 2022 को तमिलनाजु के तिरीची में एक ब्रेन डेड डोनर मिला. ग्रीन कोरिडोर के ज़रिए शीघ्र ही दिल को चेन्नई पहुंचाया गया.

डॉक्टर्स ने डोनर के परिवार की तारीफ़ की. 


Source: Indiatimes

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