अपने जीवन का आनंद ले - क्यूंकि इसकी भी एक expiry date है

 जिंदगी के हरेक लम्हे को जिएं, उसका आनंद लें, क्योंकि इसकी अवधि सीमित है! 


हम सब जानते हैं कि जीवन के दो पहलू होते हैं, खुशी और गम।

दोनो को ही महसूस करना अनिवार्य है।

बिना गम के हम किसी लम्हे का आनंद नहीं ले सकते और आनंद क्या होता है, हम जानेंगे नहीं।

इसी प्रकार यदि हम किसी समय गम महसूस न करें, हमें कोई दुख न हो, तो हम जानेंगे नहीं कि आनंद क्या होता है।

इसलिए, जब खुशी है तब उसका आनंद लें, जब दुःख है तब उसको सहने की शक्ति रखें क्योंकि खुशी दूर नहीं। 


अगर हमें जीवन का आनंद लेना है, तो हमारे इसी पल में, न कि जीवन के किसी भविष्य समय में।

  आनेवाले समय में एक बेहतर जीवन के लिए सबसे अच्छी तैयारी इस समय का सामंजस्यपूर्ण, आनंदमय जीवन है। एक समृद्ध भविष्य के जीवन में हमारे विश्वासों का तब तक कोई महत्व नहीं है जब तक कि हम उन्हें एक समृद्ध वर्तमान जीवन में नहीं रखते। 

हमारा आज का दिन सबसे शानदार होना चाहिएl 


हम में से कुछ लोग भविष्य में एक अच्छा जीवन बनाने की कोशिश में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हम उस जीवन का आनंद लेना भूल जाते हैं जो हम अभी जी रहे हैं! 

हम भविष्य के परिणामों पर इतनी आसानी से ध्यान केंद्रित 

कर लेते हैं कि हम भूल जाते हैं कि हम केवल वर्तमान क्षण में ही जीते हैं।  

यदि हम वर्तमान क्षण का आनंद नहीं लेते हैं, उसको आज नहीं सराहते हैं, तो हम एक बहुत बड़ा अवसर चूक जाते हैं जो हमें बाद में लाभान्वित कर सकता है। 


जितना अधिक हम वर्तमान क्षण का आनंद लेते हैं, उतना ही हम अगले क्षण का आनंद ले सकते हैं।

यदि हमारी आज की सोच और विश्वास आनंददेय हैं तो कल भी ये आनंदमय होंगे।

हमारी आज की आनंददेय तैयारी कल आनंदमय होगी।

यदि आज हम खुश हैं तो कल भी हम खुश रहेंगे।

कई लोग भूल जाते हैं कि यदि हमें खुश रहना है तो इसी पल में, इसी समय में। कल न जाने हमें खुश रहने का मौका मिलेगा या नहीं।

खुश रहने के लिए हमारे पास आज का दिन ही है। 


तारीक भी गवाह है इस बात की!

श्री कृष्ण बंदीगृह में पैदा हुए थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन एक गांव में गुजारा था।

वो जानते थे कि कंस उन्हें मरना चाहता था और कभी भी उनके जीवन का अंत हो सकता था। वो अपना भूत और भविष्य दोनो जानते थे फिर भी वो अपने आज में जीते थे।

उन्हें किसी से शिकायत नहीं थी और न ही वो अपने बीते हुए कल या आनेवाले कल के बारे में सोचकर उदास रहते थे।

वो अपने आज में खुश रहते थे और अपना पूरा जीवन आनंदपूर्वक बिताया। 


इस से हमें बहुत बड़ी सीख मिलती है।

हमारे आज के हालातों की तरफ रवैया, न कि हमारी सहने की क्षमता, हमारी जिंदगी को ऊंचाई पर ले जाता है।

हमारी जिंदगी चाहे चोटी ही सही, यदि हम उसको हंसते हुए गुजरेंगे, हर पल को पहले से बेहतर और आनंदमय बनाने की कोशिश करेंगे तो हमारा जीवन का आनंदमय होना निश्चित है।

हर पल हम वास्तव में ’जिएंगे’। 


सही कहा गया है, 


”जिंदगी को खुश रहकर जियो,

क्योंकि रोज शाम सिर्फ 

सूरज ही नहीं ढलता...

आपकी अनमोल जिंदगी भी

ढलती है” !


हर पल मुस्कुराके जिएं!।


CONVERSATION

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

गहराइयां' फिल्म की समीक्षा: इसके गहरे अर्थ और दिल को छू लेने वाले प्रदर्शन के लिए इसे पसंद करने की जरूरत है

अक्सर आश्चर्य होता है कि इन चित्र-पूर्ण छवियों के अलावा इन लोगों के जीवन में क्या होता है। क्या वे कभी चिल्लाते हैं? क्या चीजें ...