इंसान की मेहनत को जब उसकी किस्मत का साथ मिलता है तब वह कामयाबी के उस स्तर पहुंच जाता है जहां से पूरी दुनिया छोटी लगने लगती है. आरपी ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन बी. रवि पिल्लई की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.
खरीदा 100 करोड़ का हैलीकॉप्टर
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रवि पिल्लई ने हाल ही में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जो उनकी रईसी को बयान करता है. बता दें कि पिल्लई एयरबस एच 145 हेलीकॉप्टर के पहले भारतीय मालिक बन गए हैं. 68 वर्षीय अरबपति रवि पिल्लई ने इस हेलीकॉप्टर को वे 100 करोड़ रुपये में खरीदा है. जिसअत्याधुनिक हेलीकॉप्टर को लेकर पिल्लई अभी चर्चा में हैं उसकी विशेषताएं एकदम लेटेस्ट हैं.
इस हेलीकॉप्टर में 7 यात्रियों और पायलट को ले जाने में क्षमता है. इसके साथ ही ये हेलीकॉप्टर समुद्र तल से 20,000 फीट की ऊंचाई से भी उतरने और टेकऑफ करने में सक्षम है. आज भले ही रवि पिल्लई 100 करोड़ का हेलीकॉप्टर खरीदने को लेकर चर्चा में हैं लेकिन उनको ये दौलत थाली में परोससी हुई नहीं मिली थी. इस कामयाबी के पीछे उनकी मेहनत और लग्न का सबसे बड़ा हाथ रहा है.
किसान परिवार में हुआ था जन्म
रवि पिल्लई का जन्म 2 सितंबर 1953 को केरल के चवरा गांव में हुआ था. पिल्लई का परिवार किसानी के जरिए अपना भरण पोषण करता था. एक छोटे से गांव के किसान परिवार में पैदा होने के बावजूद रवि पिल्लई ने शिक्षा को बहुत अहमियत दी. उन्होंने स्थानीय कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद कोच्चि यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की.
उधार लेकर शुरू किया था बिजनेस
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रवि पिल्लई हमेशा से अपना बिजनेस करना चाहते थे. इसकी शुरुआत उन्होंने उसी समय कर दी थी जब वहकोच्चि विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक करजा देने वाले स्थानीय व्यक्ति से 1 लाख रुपये उधार लेकर अपनी चिट-फंड कंपनी शुरू की. उन्होंने अपने बिजनेस से पैसे कमा कर अपना उधार चुकाया और मुनाफे के पैसे को जमा करते रहे. इसके बाद उन्होंने खुद की कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू की. उनका कंस्ट्रक्शन बिजनेस कई गुना फला-फूला क्योंकि एनएसएच ने एक फ्रांसीसी विमान कंपनी के लिए हैंगर निर्माण जैसे बड़े कांट्रेक्ट प्राप्त करना शुरू कर दिया था. इसके साथ ही इनकी कंपनी एक अन्य प्रमुख कार्य रॉयल टर्मिनल का निर्माण भी कर रही थी. यह कांट्रेक्ट $50 मिलियन का था.
आज हैं कामयाबी की बुलंदियों पर
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रवि पिल्लई ने जीवन में कई उतार चढ़ाव भी देखे. उन्हें एक बड़ा झटका उस समय लगा जब उन्हें वेल्लोर हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट फैक्ट्री से ठेका मिला था. उन्हें श्रमिकों की समस्या के कारण अपनी यूनिट बंद करनी पड़ी. लेकिन पिल्लई हार मानने वालों में से नहीं थे. वह भारत छोड़ कर सऊदी अरब चले गए. वहां उन्होंने कंस्ट्रक्शन और ट्रेडिंग का बिजनेस शुरू किया. उन्होंने जल्द ही नसीर एस अल हाजरी नाम से अपनी खुद की कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू कर दी.
एक किसान परिवार में जन्मे रवि पिल्लई की विभिन्न कंपनी में आज लगभग 70,000 कर्मचारी काम करते हैं. इसके साथ ही वह अभी 2.5 बिलियन डॉलर के मालिक हैं. इनकी अमीरी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इनकी बेटी के शादी समारोह में 42 देशों से करीब 30,000 गेस्ट शामिल हुए थे. फोर्ब्स मैगजीन ने रवि पिल्लई को दुनिया के 1000 अरबपतियों की सूची में शामिल किया था. इसके साथ ही उन्हें केरल का सबसे अमीर शख्स माना जाता है.
Source: Indiatimes
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