देश के बड़े कारोबारी रतन टाटा चर्चा में रहते हैं लेकिन अब उनके असिस्टेंट शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) भी खूब सुर्खियां हासिल कर रहे हैं. शांतनु ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से भारत लौटने के बाद ऐसी पोजीशन हासिल की जहां तक पहुंचने के लिए हर कोई सपना देखता होगा. शांतनु नायडू ने अब एक इंटरव्यू में अपना एक्सपीरियंस शेयर किया.
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रतन टाटा करते हैं निस्वार्थ भाव से मदद'
शांतनु नायडू ने बताया कि रतन टाटा की दयालुता और निस्वार्थ भाव से काम करना वाकई में इंस्पिरेशनल है. वो लोगों की मदद करने के बदले में उनसे कुछ भी वापस पाने की उम्मीद नहीं करते हैं. नायडू (Shantanu Naidu) कहते हैं कि टाटा दिन भर में कई लोगों की मदद करने के बाद इसके बारे में भूल जाते हैं.
'रतन टाटा हमेशा निभाते हैं अपने वादे'
शांतनु नायडू ने बातचीत में बताया कि रतन टाटा हमेशा अपने वादे निभाते हैं. नायडू कहते हैं कि उनके बॉस से वो हर रोज कुछ ना कुछ सीखते हैं. बता दें कि शांतनु नायडू ने 'आई केम अपॉन ए लाइटहाउस' ('I Came Upon a Lighthouse') बुक भी लिखी है. इस बुक में उन्होंने रतन टाटा के साथ अपने एक्सपीरिएंस के बारे में बताया है.
2018 से हैं डेप्युटी जनरल मैनेजर
शांतनु नायडू रतन टाटा (Ratan Tata) के ऑफिस में 2018 से डेप्युटी जनरल मैनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं. इतनी कम उम्र में इन ऊंचाइयों को छूना आपको जरूर इंस्पायर करेगा. बता दें कि शांतनु नायडू सिर्फ 28 साल के हैं.
Source: zeenews
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